सरकार ने ओडिशा से 2,000 से अधिक बीएसएफ जवानों को आतंकवाद प्रभावित जम्मू भेजा
सरकार ने ओडिशा से 2,000 से अधिक बीएसएफ जवानों को आतंकवाद प्रभावित जम्मू भेजा

जम्मू: जम्मू जिले के कनाचक सेक्टर के गुरहा पट्टन इलाके में गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात तीन लोगों की संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने तलाशी अभियान चलाया। (फोटो: पीटीआई) | प्रतीकात्मक छवि

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि सरकार ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद प्रभावित जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए ओडिशा से 2,000 से अधिक कर्मियों वाली दो बीएसएफ बटालियनों को वापस बुलाने का आदेश दिया है।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि क्षेत्र में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर दोनों इकाइयों को नक्सल विरोधी अभियान ग्रिड से तत्काल जम्मू स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।

सुरक्षा प्रतिष्ठान के अधिकारियों ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की दो इकाइयों को जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात इसकी प्रथम श्रेणी की इकाइयों के पीछे रक्षा की “दूसरी पंक्ति” के रूप में तैनात किया जाना था, ताकि सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ के अलावा अंदरूनी इलाकों में इन तत्वों द्वारा किए जाने वाले हमलों पर भी रोक लगाई जा सके।

सूत्रों ने बताया कि इन दोनों इकाइयों के सैनिकों को सांबा और जम्मू-पंजाब सीमा के पास तैनात किया जाएगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “हाल ही में दिल्ली और जम्मू में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की दो बैठकों में जम्मू में बीएसएफ की तैनाती बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई।”

अधिकारी ने कहा, “नक्सल विरोधी अभियान तेज करने के लिए ओडिशा से बीएसएफ की दो बटालियनों को छत्तीसगढ़ भेजने का प्रस्ताव था, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन इकाइयों को अब जम्मू भेजा जा रहा है।”

बीएसएफ भारत के पश्चिमी भाग में जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी 2,289 किलोमीटर से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा करता है।

जम्मू क्षेत्र में इस सीमा का 485 किलोमीटर हिस्सा है, जो घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में करीब एक दर्जन बीएसएफ बटालियन तैनात हैं।

इस वर्ष राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिलों में हुए आतंकवादी हमलों की श्रृंखला के बाद जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 11 सुरक्षाकर्मियों और एक ग्राम रक्षा गार्ड सदस्य सहित 22 लोग मारे गए हैं।

पिछले महीने कठुआ और डोडा जिलों में दो मुठभेड़ों में पांच आतंकवादी मारे गए थे।

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर ओडिशा के मलकानगिरी जिले से बीएसएफ की एक बटालियन और कोरापुट जिले से दूसरी बटालियन को हटाया जा रहा है।

दोनों यूनिटों की वापसी से पहले, दोनों जिलों में चार-चार बटालियन थीं, जिन्हें नक्सल विरोधी अभियान के तहत तैनात किया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि इन दो बटालियनों के स्थान पर नए सैनिकों की तैनाती का निर्णय बाद में लिया जाएगा।

जम्मू और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के अन्य भागों में “द्वितीय पंक्ति और गहराई” वाले क्षेत्रों में बीएसएफ सैनिकों की तैनाती की योजना लंबे समय से प्रस्तावित थी, क्योंकि बल के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने बताया था कि इस तरह की तैनाती से घुसपैठ और आंतरिक इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी।

जम्मू क्षेत्र सीमा पार सुरंगों के लिए संवेदनशील है और इसके घने जंगल और पहाड़ी इलाके इसे आतंकवादियों के लिए नागरिकों और सुरक्षा बलों के खिलाफ हमले करने के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं।

जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ महीनों और वर्षों में “दूसरी पंक्ति” की तैनाती के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा और उस समय तक, नई दो इकाइयां जम्मू अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात रहेंगी।

(इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक और चित्र पर बिजनेस स्टैंडर्ड स्टाफ द्वारा फिर से काम किया गया हो सकता है; शेष सामग्री एक सिंडिकेटेड फ़ीड से स्वतः जेनरेट की गई है।)