बोर्ड में महिलाओं की संख्या अधिक, लेकिन शीर्ष प्रबंधन की संख्या वैश्विक औसत से पीछे
चित्रण: बिनय सिन्हा
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के एक अध्ययन के अनुसार, कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2014 में 5 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में लगभग 16 प्रतिशत हो गई। अध्ययन में पाया गया कि इसी अवधि में शीर्ष प्रबंधन पदों पर महिलाओं की संख्या लगभग 14 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 22 प्रतिशत हो गई। हालांकि, भारत अभी भी मध्यम और वरिष्ठ प्रबंधन भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी के मामले में पीछे है, जो 2019 तक वैश्विक स्तर पर लगभग 33 प्रतिशत की तुलना में केवल 20 प्रतिशत है। अध्ययन का हिस्सा बनने वाली लगभग 60 प्रतिशत फर्मों में मार्च 2023 तक शीर्ष प्रबंधन टीमों में कोई महिला नहीं थी। महिला निदेशक पद के लिए अनिवार्यता को पूरा करने की समय सीमा 1 अप्रैल, 2015 निर्धारित की गई थी।
मार्च 2023 तक बाजार पूंजीकरण (एमकैप) के हिसाब से शीर्ष दस एनएसई-सूचीबद्ध फर्मों में से पांच में शीर्ष प्रबंधन टीमों में कोई महिला नहीं थी। नमूने में शामिल एनएसई-सूचीबद्ध कंपनियों में से आधे से अधिक में शीर्ष प्रबंधन के हिस्से के रूप में एक भी महिला नहीं थी, और लगभग 10 प्रतिशत फर्मों में केवल एक महिला थी। अध्ययन की प्रमुख लेखिका रत्ना सहाय ने कहा: “बोर्ड में कम से कम एक महिला का होना उच्च आर्थिक प्रदर्शन और कम वित्तीय जोखिम से जुड़ा है, और यह प्रभाव बड़ी और मध्यम आकार की फर्मों के लिए महत्वपूर्ण है।”