पिछले चार वित्तीय वर्षों में भारत से यात्री वाहनों के निर्यात में 268,000 इकाइयों की वृद्धि हुई है, तथा इस अवधि के दौरान वृद्धिशील शिपमेंट में मारुति सुजुकी इंडिया का योगदान लगभग 70 प्रतिशत रहा।
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में यात्री वाहनों का निर्यात 404,397 इकाई रहा। वित्त वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 577,875 इकाई और वित्त वर्ष 2022-23 में 662,703 इकाई हो गया।
पिछले वित्त वर्ष में निर्यात 672,105 इकाई रहा, जो 2020-21 से 267,708 इकाई अधिक है।
पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, मारुति सुजुकी ने पूरे उद्योग में विदेशी बाजारों में भेजी गई 267,708 इकाइयों में से 70 प्रतिशत का योगदान दिया है।
वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2024 के बीच ऑटो प्रमुख के निर्यात शिपमेंट में 185,774 इकाइयों की वृद्धि हुई।
संपर्क करने पर मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी (कार्पोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा कि अधिक मॉडल शामिल करने, वैश्विक उत्पादन मानकों का पालन करने तथा टोयोटा के साथ गठजोड़ जैसे कारकों से निर्यात की मात्रा बढ़ाने में मदद मिली है।
उन्होंने बताया कि कंपनी फिलहाल दुनिया भर के करीब 100 देशों में मॉडल निर्यात कर रही है। कंपनी के लिए शीर्ष विदेशी बाजार फिलहाल दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, चिली और मैक्सिको हैं।
अन्य प्रमुख बाजारों में फिलीपींस, इंडोनेशिया और आइवरी कोस्ट शामिल हैं।
एमएसआई बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो, ग्रैंड विटारा, जिम्नी, सेलेरियो और एर्टिगा जैसे मॉडलों का निर्यात करती है।
एसआईएएम के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में कुल पीवी निर्यात 672,105 इकाई रहा, जो वित्त वर्ष 2023 में 662,703 इकाइयों की तुलना में 1.4 प्रतिशत अधिक है।
पिछले वित्त वर्ष में मारुति सुजुकी ने 280,712 यूनिट्स का निर्यात किया, जो वित्त वर्ष 23 में 2,55,439 यूनिट्स से 10 फीसदी अधिक है। प्रतिद्वंद्वी हुंडई ने वित्त वर्ष 24 में 163,155 यूनिट्स का निर्यात किया, जबकि वित्त वर्ष 23 में 153,019 यूनिट्स का निर्यात हुआ था, जो 7 फीसदी अधिक है।