‘जेएसडब्ल्यू समूह ओडिशा से 40,000 करोड़ रुपये की ईवी परियोजना वापस नहीं ले रहा’

जेएसडब्ल्यू समूह ओडिशा से अपनी प्रस्तावित 40,000 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और बैटरी परियोजना को वापस नहीं ले रहा है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

कंपनी की यह घोषणा मीडिया के एक वर्ग द्वारा यह रिपोर्ट दिए जाने के बाद आई है कि जेएसडब्ल्यू समूह अपनी ईवी और बैटरी परियोजना को पूर्वी राज्य से महाराष्ट्र स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है।

मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कार्यालय के कॉर्पोरेट रणनीति के कार्यकारी उपाध्यक्ष रंजन नायक ने कहा, “हम ओडिशा से नहीं हट रहे हैं।”

जेएसडब्ल्यू समूह ने 10 फरवरी, 2024 को राज्य में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक एकीकृत इलेक्ट्रिक वाहन और ईवी बैटरी विनिर्माण परियोजना की स्थापना के लिए ओडिशा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

कटक जिले के नाराज में जेएसडब्ल्यू समूह ने ईवी वाहन और कलपुर्जे विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी, जबकि जगतसिंहपुर जिले के पारादीप में उसने तांबा प्रगलन संयंत्र और लिथियम रिफाइनरी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था।

इस परियोजना में 50 गीगावाट क्षमता का ईवी बैटरी संयंत्र, ईवी, लिथियम रिफाइनरी, तांबा प्रगलन संयंत्र और संबंधित घटक विनिर्माण इकाइयां शामिल हैं।

राज्य मंत्रिमंडल द्वारा समूह की महत्वाकांक्षी ईवी और घटक विनिर्माण परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दिए जाने के बाद समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

कंपनी द्वारा अपनी परियोजना को महाराष्ट्र में स्थानांतरित करने की योजना के बारे में मीडिया रिपोर्टों के बीच, ओडिशा के उद्योग मंत्री संपद स्वैन ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार राज्य में ईवी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जेएसडब्ल्यू समूह से बात कर रही है।

स्वैन ने कहा कि राज्य सरकार को कंपनी की योजनाओं की जानकारी नहीं थी, जैसा कि मीडिया में बताया गया है।

स्वैन ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, “हालांकि इस साल फरवरी में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे और पिछली सरकार ने जेएसडब्ल्यू की परियोजना के लिए भूमि आवंटित नहीं की थी। अब हम कंपनी से संयंत्र स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। हमें ओडिशा से संयंत्र स्थानांतरित करने के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि परियोजना के क्रियान्वयन में देरी हो रही है।”

मंत्री ने कहा कि नई भाजपा सरकार ने अपने पहले 100 दिनों के कार्यकाल में रसायन, सेमीकंडक्टर, स्टील पाइप और अन्य क्षेत्रों में 45,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है।

स्वैन ने कहा, “सरकार राज्य के तीव्र औद्योगिकीकरण के प्रति गंभीर है।”