जीआरएसई एनसीपीओआर के सहयोग से समुद्री अनुसंधान पोत का निर्माण करेगा

जीआरएसई एनसीपीओआर के सहयोग से समुद्री अनुसंधान पोत का निर्माण करेगा

पोत की कुल लंबाई 89.50 मीटर तथा चौड़ाई 18.80 मीटर होगी।

शिपयार्ड ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि 42 महीनों में पोत के निर्माण के लिए जीआरएसई और एनसीपीओआर अधिकारियों के बीच लगभग 840 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।

कोलकाता मुख्यालय वाली युद्धपोत निर्माता कंपनी ने कहा कि उसके पास सर्वेक्षण जहाजों के क्षेत्र में आवश्यक विशेषज्ञता है और वह लगभग चार दशकों से भारतीय नौसेना के लिए इनका निर्माण कर रही है।

जीआरएसई अधिकारी ने एक बयान में कहा कि इस अनुबंध पर मंगलवार को गोवा में शिपयार्ड और एनसीपीओआर के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए।

दिसंबर 2023 में जीआरएसई ने भारतीय नौसेना को देश में बनने वाला सबसे बड़ा सर्वेक्षण पोत आईएनएस संध्याक सौंपा। उन्होंने कहा कि इस श्रेणी के तीन और पोत शिपयार्ड में विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि यह अनुभव एनसीपीओआर के लिए महासागर अनुसंधान पोत के डिजाइन और निर्माण में जीआरएसई के लिए उपयोगी साबित होगा।

अधिकारी ने बताया कि पोत की कुल लंबाई 89.50 मीटर और चौड़ाई 18.80 मीटर होगी। उन्होंने बताया कि पोत का कुल वजन 5,900 टन होगा।