जयशंकर भारत-जीसीसी विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रियाद पहुंचे
विद्रोहियों का कहना है कि वे गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल के अभियान को खत्म करने के लिए इजरायल, अमेरिका या ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बनाते हैं। हालांकि, जिन जहाजों पर हमला किया गया उनमें से कई का संघर्ष से कोई संबंध नहीं है, जिनमें ईरान जाने वाले कुछ जहाज भी शामिल हैं (फोटो: पीटीआई)
विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रथम भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रविवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे।
सऊदी अरब के प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी ने रियाद में जयशंकर का स्वागत किया। जयशंकर 8-9 सितंबर तक सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
रियाद पहुंचने पर जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “प्रथम भारत-खाड़ी सहयोग परिषद के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रियाद, सऊदी अरब पहुंचे। गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी को धन्यवाद।”
विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, रियाद की अपनी यात्रा के दौरान, उनके जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, “भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं।”
इसमें कहा गया है, “जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 8.9 मिलियन भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है। विदेश मंत्रियों की बैठक भारत और जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगा।”
रियाद की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद जयशंकर 10-11 सितंबर को दो दिवसीय यात्रा पर जर्मनी जाएंगे। यह बर्लिन की उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।
भारत और जर्मनी के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी है तथा जर्मनी भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है तथा सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकों में से एक है।
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर जर्मन संघीय विदेश मंत्री के साथ-साथ जर्मन सरकार के नेतृत्व और अन्य मंत्रियों से मुलाकात करेंगे, जिसका उद्देश्य भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करना है।
इसके बाद विदेश मंत्री 12-13 सितम्बर तक जिनेवा, स्विटजरलैंड की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के कई निकाय और अंतरराष्ट्रीय संगठन स्थित हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यात्रा के दौरान विदेश मंत्री उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से मिलेंगे जिनके साथ भारत सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
इस यात्रा के दौरान जयशंकर स्विट्जरलैंड के समकक्ष से भी मुलाकात करेंगे, ताकि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की समीक्षा की जा सके और द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के अवसर तलाशे जा सकें।