कप्तान हरमनप्रीत के दो गोलों की बदौलत भारत ने ओलंपिक में लगातार ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता | पेरिस ओलंपिक 2024
यह मैच रोमांचक रहा, जिसमें कई रोमांचक क्षण और वीरतापूर्ण प्रयास देखने को मिले, जिसमें कप्तान हरमनप्रीत सिंह दो बार जीत हासिल की और खेल के निर्विवाद स्टार के रूप में उभरे।
मैच की शुरुआत भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रही, क्योंकि स्पेन ने 18वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक का फायदा उठाकर 1-0 की शुरुआती बढ़त हासिल कर ली। मार्क मिरालेस ने स्ट्रोक को गोल में बदल दिया और भारत के अनुभवी गोलकीपर को छकाते हुए गेंद को ऊपरी बाएं कोने में पहुंचा दिया। पी.आर. श्रीजेश.
दबाव भारत पर था, लेकिन टीम ने धैर्य बनाए रखा और धीरे-धीरे गति पकड़ी।
भारत को सफलता मध्यांतर से ठीक पहले मिली।
कई हमलों के बाद, भारत को दूसरे क्वार्टर में खेल समाप्त होने में केवल 21 सेकंड शेष रहते एक महत्वपूर्ण पेनल्टी कॉर्नर मिला।
कप्तान हरमनप्रीत ने आगे आकर अपनी खास ड्रैग-फ्लिक से गेंद को नेट में पहुंचा दिया और स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। इस गोल ने न केवल मैच को बराबर कर दिया बल्कि भारत के पक्ष में गति भी बदल दी।
घड़ी:तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत ने लगातार आगे बढ़ना जारी रखा। दूसरे हाफ के शुरू होने के दो मिनट बाद ही भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला।
हरमनप्रीत ने एक बार फिर दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया और अपना दूसरा गोल करके भारत को 2-1 की बढ़त दिला दी। उनकी सटीक और शक्तिशाली फ्लिक ने स्पेनिश डिफेंस को कोई मौका नहीं दिया, जिससे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग-फ्लिकर के रूप में उनकी प्रतिष्ठा और मजबूत हुई।
घड़ी:
अंतिम क्वार्टर में हिम्मत की परीक्षा हुई। स्पेन ने बराबरी के लिए कड़ी मेहनत की, कई पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, लेकिन श्रीजेश के महत्वपूर्ण बचावों की बदौलत भारतीय रक्षापंक्ति मज़बूत रही। स्पेन के लगातार हमलों के बावजूद, भारत ने अपनी मामूली बढ़त बनाए रखी, और समय बीतने के साथ-साथ नाटकीय घटनाक्रम भी देखने को मिला।
हरमनप्रीत के दो गोल न केवल जीत सुनिश्चित करने में बल्कि मैच की कहानी को परिभाषित करने में भी महत्वपूर्ण थे। मैदान पर उनका नेतृत्व, साथ ही महत्वपूर्ण क्षणों में अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता, भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पेरिस में मिली जीत भारत के समृद्ध हॉकी इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जोड़ती है, जिसमें हरमनप्रीत सबसे आगे हैं।